
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में भव्य उद्घाटन
सोलर एनर्जी अवेयरनेस 2025 कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र अत्यंत गरिमामय और प्रभावशाली रहा, जिसमें कई प्रमुख विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया और अपने विचार साझा किए। इस सत्र की शोभा बढ़ाने वाले प्रमुख अतिथियों के नाम और पद इस प्रकार हैं:
- डॉ. दीपा वर्मा
पद: प्राचार्य, व्हिवा कॉलेज, विरार, मुंबई - श्री यशवंत शिटोले
पद: अध्यक्ष, महाराष्ट्र इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी सहायता केंद्र - श्री प्रफुल्ल पाठक
पद: अध्यक्ष, सोलर एनर्जी सोसायटी ऑफ इंडिया (SESI) - डॉ. शैलेन्द्र देवलंकर
पद: संचालक, उच्च शिक्षा विभाग, महाराष्ट्र सरकार
इन सभी विशिष्ट अतिथियों ने कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित किया और बताया कि किस प्रकार सौर ऊर्जा भारत के लिए एक स्थायी और स्वच्छ ऊर्जा विकल्प बन सकती है। उन्होंने युवाओं से इस दिशा में आगे बढ़ने और नवाचार के लिए प्रेरित किया।
परिचय
सोलर एनर्जी अवेयरनेस प्रोग्राम 2025 एक प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य सौर ऊर्जा के महत्व के प्रति जन-जागरूकता फैलाना था। यह कार्यक्रम हर साल 21 और 22 जून को सौर ऊर्जा दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसे सोलर एनर्जी सोसाइटी ऑफ इंडिया (SESI) द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।
यह SESI का तीसरा वर्ष है, जब यह कार्यक्रम पूरे भारत में आयोजित किया गया। इस वर्ष कार्यक्रम की पहुंच देशभर में 75,000 युवाओं तक रही, जिन्होंने सक्रिय रूप से इसमें सहभागिता निभाई। SESI की इस पहल को महाराष्ट्र राज्य उच्च और तंत्र शिक्षा विभाग, महाराष्ट्र जानकारी तंत्रज्ञान सहायता केंद्र और वीवा कॉलेज के सहयोग से सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य और लाभ
सोलर एनर्जी अवेयरनेस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को सौर ऊर्जा के महत्व के बारे में जागरूक करना था। सौर ऊर्जा एक स्वच्छ, नवीकरणीय और पर्यावरण के लिए फायदेमंद ऊर्जा स्रोत है, जो भारत जैसे विकासशील देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम के दौरान सौर ऊर्जा के पर्यावरणीय लाभों, उसकी कार्यप्रणाली, और उसकी स्थिरता पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। इस कार्यक्रम ने यह भी बताया कि किस प्रकार सौर ऊर्जा का उपयोग घरों, स्कूलों, उद्योगों और अन्य स्थानों पर किया जा सकता है, जिससे पर्यावरणीय संकट को कम किया जा सकता है और ऊर्जा की स्थिरता बढ़ाई जा सकती है।
सौर ऊर्जा दिवस का महत्व
21 और 22 जून को मनाए जाने वाले सौर ऊर्जा दिवस के आयोजन ने न केवल ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत के रूप में सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया, बल्कि यह भी साबित किया कि सौर ऊर्जा का उपयोग भारत में किस प्रकार से बढ़ाया जा सकता है। SESI की इस पहल ने पूरे देश में सौर ऊर्जा के प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले कॉलेज और जिले

कार्यक्रम में महाराष्ट्र राज्य के विभिन्न कॉलेजों से छात्रों ने भाग लिया। इन कॉलेजों में पुणे, नाशिक, मुंबई, ठाणे, पालघर, रत्नागिरी, रायगढ़ और अन्य जिलों के कॉलेज शामिल थे। इन कॉलेजों के छात्रों ने सौर ऊर्जा के महत्व और इसके पर्यावरणीय लाभों के बारे में जानकारियां प्राप्त की और अपने विचार साझा किए।
प्रमुख कॉलेजों का चयन
इस कार्यक्रम में पुणे के दादासाहब राजळे कॉलेज, रायगढ़ के कोकण ज्ञानपीठ उरण कॉलेज, और मुंबई के व्हिवा कॉलेज जैसे प्रमुख कॉलेजों के छात्रों ने हिस्सा लिया। इन छात्रों ने न केवल सौर ऊर्जा के बारे में गहन जानकारी प्राप्त की, बल्कि इसके व्यावहारिक उपयोग के बारे में भी विचार साझा किए।
कार्यक्रम की मुख्य चर्चा और सत्र
इस कार्यक्रम के दौरान सौर ऊर्जा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई, जैसे सौर पैनल की स्थापना, उसकी कार्यप्रणाली, सौर ऊर्जा से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा का उपयोग और इसके पर्यावरणीय फायदे। कार्यशालाओं और सत्रों ने छात्रों को सौर पैनलों की स्थापना के लिए आवश्यक तकनीकी ज्ञान प्रदान किया और उन्हें यह समझने का अवसर मिला कि किस प्रकार सौर ऊर्जा का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा सकता है।
पुरस्कार वितरण और विजेताओं की घोषणा
कार्यक्रम का समापन पुरस्कार वितरण समारोह के साथ हुआ, जिसमें राज्यभर से भाग लेने वाले छात्रों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। पुणे, नाशिक, ठाणे, रायगढ़, मुंबई और अन्य जिलों के छात्रों ने सौर ऊर्जा पर आयोजित प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

निष्कर्ष
सोलर एनर्जी अवेयरनेस प्रोग्राम 2025, SESI की पहल पर आधारित था और सौर ऊर्जा के प्रति जागरूकता फैलाने में एक अहम भूमिका निभाता है। SESI के सौर ऊर्जा दिवस के इस उत्सव ने भारत में सौर ऊर्जा के प्रति जागरूकता को बढ़ाने और इसके उपयोग के लिए एक मजबूत मंच तैयार किया है। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन से यह सिद्ध होता है कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए छात्रों और युवाओं को जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है। SESI की निरंतर पहल और महाराष्ट्र के योगदान ने इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक सफलता दिलाई है, और यह भविष्य में सौर ऊर्जा के उपयोग में और भी अधिक योगदान देने के लिए प्रेरित करेगा।